- दुष्टचेतसः
- दूयन
- दूर्वा वर्ण
- दूषीविषम्
- दूष्य
- दृढ कर्णपाली
- दृढ वाससा
- दृढ हस्त
- दृष्टस्वप्नं
- दृष्टान्तः
- दृष्टि
- दृष्टिः
- दृष्टिगोलकम्
- दृष्टिमण्डल
- दृष्टिवधः
- दृष्टिहृदयोपरोधो
- दृष्ट्वा
- देवकर्दम
- देश
- देश
- देशविरुद्ध
- देश्योक्ति
- देह
- देहः
- देहलौहसिद्धिकर
- देहसिद्धि
- दैन्यं
- दैवव्यपाश्रय
- दैवी
- दोलायंत्र
- दोष
- दोष दूष्य संमूर्च्छना
- दोष विरुद्ध
- दोषज स्वप्न
- दोषदर्शनं अदोषेषु
- दोषनिर्मुक्त
- दोषप्रशमन
- दोषवक्ता
- दोषविनिग्रह
- दोषस्थानप्रकृतीः प्राप्यान्यतमं ह्युदी&
- दोहद इच्छा
- दौग्धिकपुष्पवत्
- दौर्गन्ध्यं
- दौर्बल्य
- दौर्बल्यम्
- द्योतनं नकुलस्य इव दृष्टिमण्डल
- द्रव
- द्रवान्न उपाचरेत
- द्रव्य
- द्रव्य
- द्रव्य
- द्रव्यगुण
- द्रष्टा
- द्राक्षाफलोपमा
- द्रावक गण
- द्रावयेद
- द्रुत गति
- द्रुत बुद्धि
- द्रुत भाषणं
- द्रुतद्राव
- द्रुति
- द्रोण
- द्रोणी
- द्वन्द्व
- द्वयंगुलम्
- द्विकाल भोजन
- द्विजद्वेष
- द्विधा औष्ठ
- द्विधा दर्शनं
- द्वेष
- द्वेष
- धमनी हर्ष
- धमनीजालसन्ततः
- धमनीजालसंवृतः
- धमनीततः
- धमनीप्रतिचयः
- धमेद
- धरण
- धर्म
- धर्मस्थ
- धवस्त
- धातु
- धातु
- धातु प्रदूषण
- धातु वर्ग
- धातुवाद
- धातुसाम्य
- धातुस्राव पुरीषं
- धात्वग्नि
- धाना
- धान्यराशी
- धान्याभ्रक
- धार
- धारण
- धारण अशक्ति पुरीषप्रवर्तनं
- धारणीयवेग
- धारि
- धावन
- धी
- धीविभ्रम
- धीविभ्रंश
- धुन्वन
- धुपस्तु पायुदेशे प्रयोजितः
- धूप इच्छा
- धूपन
- धूपन
- धूपन
- धूम
- धूमक
- धूमगन्ध
- धूमगन्धिकं
- धूमधूम्र दर्शनं
- धूमनं
- धूमायति इव
- धूमायन
- धूमायन इव मुखं
- धूमाविल दृष्टिमण्डल
- धूमावृतं इव दृष्टिमण्डलं
- धूमोपमं उच्छास
- धूमोपहत
- धूम्रदर्शनं
- धूसरः
- धृति
- धृति क्षय
- धृति विभ्रंश
- धैर्यनाश
- ध्माता मुखं
- ध्मान
- ध्मान नासिका
- ध्यान
- ध्यान
- ध्यान
- ध्यायति (विहगः)
- ध्वजभङ्ग
- ध्वजम्
- ध्वंसनं रोम
- न बध्यन्ते
- नकुल
- नकुलनिर्जिताः
- नक्षत्र दर्शनं
- नख
- नख
- नख भेदः
- नखच्युतिः
- नखप्रभ
- नखमांसम्
- नखशातनं
- नखशातम्
- नखसदनं
- नखसन्धिः
- नखाः नखानि वा
- नग्नत्व
- नत ग्रीवा
- नदन कर्ण
- नद्धत्वम् इव नासिका
- नपुंसक
- नपुंसक
- नमन
- नमयति
- नयन
- नयन बुदबुदः
- नयनप्लव
- नर अति इच्छा
- नर द्वेष
- नर्तन भ्रू
- नष्ट पिष्टि
- नष्टच्छाया
- नष्टमानसः
- नस्य
- नस्यधूमाञ्जनादिशु
- नाग
- नातिद्रुतं
- नातिविलम्बितम्
- नादेय उदक
- नानारुजावत् पुरीषप्रवर्तनम्
- नानावर्णं
- नानाविधं पुरीषं
- नाभिः
- नाभि बन्धनम्
- नाभिनाडी
- नाभिप्रदेशः
- नाभिमण्डलम्
- नाभिहते दण्डराजी स्यात्
- नाम
- नारी अति इच्छा
- नालम्
- नाशं
- नासपुटबहिर्भागः
- नासा
- नासा नासिका वा
- नासाक्षिसन्धिः
- नासानाडी
- नासारन्ध्रम्
- नासावभङ्गश्च्
- नासाविवरम्
- नासास्रोतः
- नासिका
- नासिकापुटं
- नासिकाभ्यां रक्तं
- नासिकाविषय अज्ञानम्