- स्यन्दन
- स्यन्दन अक्षि
- स्यन्दन मुखं
- स्रक् इच्छा
- स्रंसः
- स्रंसनं
- स्रंसनं
- स्रंसन गुद
- स्रंसन रोम
- स्रस्तं अक्षि
- स्रस्ताङ्गः
- स्रस्ताङ्गश्च
- स्रस्तौष्ठ कर्णता
- स्राव
- स्राव अक्षि
- स्रुतक्षारप्रतिमं मूत्रं
- स्रोतसामवबध्नाति
- स्रोतस्
- स्रोतोजकर्दमनिभ
- स्वगन्ध असहत्व
- स्वजात्यवस्थान
- स्वतन्त्र
- स्वतःसुशीतम
- स्वथवृत्तौ हितम्
- स्वन कर्ण
- स्वनं योनिमुखात्
- स्वप्न
- स्वप्ननाशः
- स्वप्ननित्यता
- स्वप्नसुख इच्छा
- स्वप्वजननं
- स्वभाव संसिद्धि
- स्वभावोपरमवाद
- स्वरगद
- स्वरपीडा
- स्वरभेद
- स्वररुक्
- स्वरस
- स्वरामय
- स्वरोपघातः
- स्वल्पत्रिफला
- स्वल्पवाक
- स्वसंज्ञा
- स्वस्थ
- स्वस्थवृत्तं
- स्वस्थहित
- स्वस्थातुरपरायणं
- स्वांगशीत
- स्वादु आस्यता
- स्वादुभक्षण द्वेष
- स्वाप
- स्वापन कटि
- स्वास्थ्य
- स्विन्न
- स्विन्नं मांस
- स्वेद
- स्वेदज
- स्वेदन
- स्वेदनं
- स्वेदनी यन्त्र
- स्वेदवत्
- स्वेदापनयनं
- स्वेदोपग
- हठाग्नि
- हतं
- हतचूर्णक
- हतदर्शनं
- हतनाम
- हतप्रभं
- हतबल
- हतस्वरं
- हतेन्द्रियः
- हतोत्साह
- हनन
- हननं सन्धि
- हनू
- हन्ति योगवशेनाशु चिराच्चिरतरात्
- हरिकेशता
- हरिकेशो
- हरिणजं
- हरित
- हरित रूप दर्शनं
- हरित वर्ग
- हरितत्वं
- हरितवर्णं
- हरितालवर्णं रक्तं
- हरिरोम
- हरिलोम
- हर्ष
- हर्ष दन्त
- हर्ष धमनी
- हर्ष पाद
- हर्ष रोम
- हर्षण
- हर्षणं रोम
- हर्षणम्
- हंसः
- हसनं अस्थाने
- हंसपद
- हंसोदकं
- हस्तः
- हस्तनर्तन
- हानि
- हारिद्रं
- हारिद्रत्वं
- हारिद्ररूप दर्शनं
- हारिद्रवर्ण
- हास इच्छा
- हास्य इच्छा
- हिक्का
- हिक्कानिग्रहण
- हिंगुल
- हित
- हितायु
- हितोपदेशषु अक्षान्ति
- हिध्मा
- हिम
- हिम
- हिंसा इच्छा
- हीन
- हीनबल
- हीनमात्रा आहार
- हीनयोगः
- हीनरूप
- हीनवाक्
- हीनस्वरः
- हीनाङ्ग दर्शन
- हीनोत्तरोष्ठ
- हुण्डन
- हृत्
- हृत् कम्प
- हृत् घट्टनं
- हृत् विरुद्ध
- हृत्क्रोडशूनता
- हृदय
- हृदयावरण
- हृदयाशुद्धि
- हृदयोत्क्लेदः
- हृदयोत्क्लेश
- हृदयोपलेप
- हृदिस्थितानि गुह्यानि वाक्
- हृद्य
- हृद्रव
- हृद्विशोधनम्
- हृन्मोह
- हृल्लास
- हृल्लासक
- हृल्लासिका
- हृल्लेप
- हृष्ट रोमा