सौमनस्यजननं : सौमनस्यजननं ( saumanasyajananaṁ ) Meaning: Substances that cause gladness or cheerfulness of mind; consisting of flowers. Kotakkal Ayurveda - Mother land of modern ayurveda सिक्तआकार सितं सितता सितमश्नियात् सिता दर्शनं सिता वर्ण सिद्धान्तः सिन्दुराभ सिराजालं सिराजालगवाक्षितं सिराजालस्फुरण सिराततः सिरातनुत्वं सिरादर्शन सिराभि असंवृत मुखं सिरावनद्धराजीकं सिरावृत सिराहर्षः सिंह सीधु सीवनी सुक्ष्म सुक्ष्मः सुक्ष्म शरीर सुक्ष्मखचितं सुक्ष्मद्वार गुद सुक्ष्मै शल्यै आचितं इव अक्षि सुख सुख सुखनिर्मोच्य पत्रम् सुखस्च कालयोग सुखायु सुगन्ध सुगन्धपिष्टसूतेन सुगन्धामलक सुगन्धि सुगन्धी त्रिफला सुचरित सुचिरत सुचिरोत्थितान् सुतेज सुदारुणं अक्षि सुदीन सुदुर्बलः अग्नि सुपक्वं सुपपतिधनुष्प्रभं रक्तं सुप्तं सुप्तच्छवि सुप्तःजिह्वा सुप्तता सुप्तिः सुबहुशः मूत्रं सुबाधकम् सुमनगन्ध सुरभिगन्ध सुरा सुरा इच्छा सुरातुल्यं मूत्रं सुराबीज सुराविकार इच्छा सुराविकृति द्वेष सुरासुर सुरुचिरः सुरेन्द्रगोपप्रतिमं रक्तं सुलुलित अक्षि सुवर्ण सुशुष्कं छर्दि सुषिर दन्त सुषुप्तिः सुषूयन सूक्ष्मं सूक्ष्मदंष्ट्रापद सूचिभि इव तोद सूचिभि तुद्यमानेन इव सूचीपाषं न पश्यति सूच्या इव सूत सूतिकया दष्ट सूत्रं सूत्रेण सूप सूयन सृष्ट पुरीषं सृष्ट मूक्षता सृष्टविट्कः अपि भूय वेगशङ्की सैन्धव लवण सोग्रगन्ध्यसृक् सौगन्धिक् सौमनस्यजननं सौम्य सौम्य दर्शनं सौर्वचल लवण सौवीर सौषिर्य सौषिर्यम् अस्थि सौहित्य सौहित्यं असहत्व स्कन्धः स्कन्धि रक्तं स्कन्न स्खलत् गति स्खलत् वाक् स्खलित ईष्टा स्तगण दर्शनं अर्केस्तमस्तकन्यस्तगभस्तो- स्तनः स्तननं स्तनसंदंश स्तन्य स्तन्यजनन स्तन्यद्वेष स्तन्यपानं किङ्चित् स्तन्यशोधन स्तब्ध स्तब्ध दर्शनं स्तब्ध रोमता स्तम्भ स्तम्भ पुरीष प्रवर्तनम् स्तम्भनं स्तिमित स्तैमित्य स्तोकं स्तोकं स्तोकं स्त्यानं स्त्यानता स्त्रक् स्त्रीपुष्पहरण स्थानसंश्रय स्थापना स्थाली यन्त्र स्थावरं स्थितं स्थिर स्थिरः नयनः स्थिरः हनू स्थिरता स्थूल स्थूलाक्षः स्थैर्य स्थौल्य स्नपन स्नान स्नानं इच्छा स्नायु स्नायु जालावत् स्निग्ध स्निग्ध दर्शनं स्निग्ध वर्ण स्निग्ध- अश्नियात् स्निग्धान उपाचरेत् स्नेह स्नेह दग्ध स्नेहगन्ध मुखम् स्नेहाभ्यक्त इव रोम स्नेहोपग स्पन्दन स्पर्श स्पर्श अज्ञानं स्पर्श असहत्व स्पर्श द्वेष स्पर्श नाश स्पर्श वैगुण्यं स्पर्श हानि स्पर्शन स्पर्शनाक्षमं स्पर्शनासह स्पर्शनेन्द्रिय स्पर्शम् न सुषूयते स्पर्शरुक् स्पर्शोद्विग्न स्पष्ट सिरा स्पष्ट स्नायुगण स्फटिक सन्निभं स्फटिकच्छाय स्फटिकाभं स्फिक् स्फुटति इव स्फुटन रोम स्फुटनं सन्धि स्फुटनान्वित दन्त स्फुटम् स्फुटित स्फुर स्फुरण स्फुरणं चिरात् स्फुरति इव स्फोटन स्फोटरहितं स्फोटै चिता जिह्वा स्मृति स्मृति अपध्वंसनं स्मृति अपाय स्मृति उपघात स्मृति क्षय स्मृति प्रमोह स्मृति भ्रंश स्मृति मोह स्मृति विभ्रम स्मृति संप्लव स्मृति हानि स्मृतिविभ्रंश Pages: 1 . 2 . 3 . 4 . 5 . 6 . 7 . 8 . 9 . 10 . 11 . 12 . 13 . 14 . 15 . 16 . 17 . 18 . 19 . 20 . 21 . 22 . 23 . 24 . 25 . 26 .