श्लेषक कफ : श्लेषक कफ ( shleṣaka kapha ) Meaning: One of the five subtypes of Kapha that is situated in joints and junctions of the body and provides lubrication. Kotakkal Ayurveda - Mother land of modern ayurveda शुक्रमार्ग रक्तं शुक्रमिश्रं मूत्र शुक्रविष शुक्रशोधन शुक्राभं मूत्र शुक्लं शुक्ल वर्ग शुक्ल वर्ण शुक्ल वस्त्र शुक्लदर्शनं शुक्लमाल्य इच्छा शुक्लसिराराजी शुक्लाम्बर इच्छा शुचि शुचि द्वेष शुचौ अपि अशुचि दर्शनं शुद्धावर्त शुभ शुभः शुभगन्ध शुभवर्ण शुलोपेतं पुरीषप्रवर्तनं शुल्बनिभं शुल्व शुष्क शुष्कच्छर्दि शुष्कच्छवि शुष्कभिन्नं अनियत पुरीष प्रवर्तनं शुष्कभिन्नम् अन्तरान्तरा पुरीष प्रवर्तन शुष्कान्न उपाचरेत शूक धान्य शूक धान्य शूकपुर्णाभं इव अक्षि शूकपूर्णता मुखं शूकपूर्णाभ नासिका शूकप्रवर्धनं शूकैः आकीर्णं इव शूकै आचितं इव शून शूनता शून्यः शून्य इच्छा शून्यत शिरसः शून्यता शून्यता द्रवण शून्यभाव शून्यायतनसेवी शूर्प शूल शूलप्रशमन शूलाढ्यं पुरीषप्रवर्तनं शृंग शृंगार इच्छा शैत्यं शैथिल्यं शैथिल्य पुरीष शैथिल्य लिङ्ग शैल इच्छा शोक शोकः शोक क्लिष्ट मनः शोणम शोणित शोणित पूर्णता शोणितगन्ध शोणितदुष्टि शोणितप्रभा ओष्ठ शोणितष्ठीव मुखं शोणितसंघातं भिनत्ति शोणितस्थापन शोणितागमनमुर्ध्वमधश्च शोथ शोथहर शोधन शोधनं शोफ शोष शौक्ल्यं शौच शौर्य श्मशान श्मशान इच्छा श्यामवर्ण श्याव श्यावाननः श्यावारुणं श्रद्धा श्रम श्रमश्वास श्रमहर श्रवक् श्रवण अवरोध श्रवण उपघात श्रवण उपरोध श्रवण विभ्रम श्रीमत् श्रुतस्वप्न श्रुतिजाड्यं श्रुतिविनाश श्रुतिहीन श्रॄङ्गीविषं श्रोणि श्रोत्र श्रोत्र क्षय श्रोत्र दौर्बल्यं श्लक्ष्ण श्लथं श्लथ सन्धिता श्लथलता श्लथाङ्गता श्लथेन्द्रिय श्लिष्ट्टं श्लेषक कफ श्लेष्म छर्दि श्लेष्मतन्तुगवाक्षितं छर्दि श्लेष्मप्रतिपूरण शिरः श्लेष्मयुक्तं पुरीषं श्लेष्मसंसृष्टं पुरीषं श्लेष्मा श्लेष्मानुबद्धं बह्वाखुपोतकं छर्दि श्लेष्मावृतत्व मुखं श्व श्वयथु श्वास श्वास पूतिता श्वासहर श्वेत श्वेत वर्ण श्वेताभप्रतिभ दर्शनं श्वैत्यं षट पदार्थ षडङ्गपानीय षडूषण षडेन्द्रिय प्रसादन षड् विरेचनशतानि षड् विरेचनाश्रयाः षड्शोधन वृक्ष षण्ड षण्ड षण्डता षाडव षाण्ड्यकर / पुंसत्वोपघाति ष्ठीवन स वातम् पुरीषप्रवर्तनं सकफ कास सकफं पुरीषं सकफं मूत्रं सकफप्राज्यं पुरीषं संकोच सक्तं वाक् सक्तु सक्थि सक्थ्युत्क्षेपं निगृह्णाति संक्रामिक रोग सक्रोध दर्शनं संक्लेदं गुडवद्गतं संक्लेद हृदय संक्षय ओज संक्षेप संक्षोभमनः संक्ष्य संख्या संगीत इच्छा संग्रह सग्रास संघात सघोषं छर्दि सङ्कुलानि इव दर्शनं सङ्गः सचन्द्रकं रक्तं संचय संचारविचारवत् कर्ण सजन कण्ठ संजृम्भिका संज्ञा संज्ञा मोहः संज्ञादौर्बल्य संज्ञानाश संज्ञाप्रणाश संज्ञामोषण संज्ञासंस्तम्भ संज्ञासंस्थापन संज्ञास्थापन संज्ञाहारी संडासि सततं कास सत्कार्यवाद सत्त्व सत्यबुद्धि सत्यवाक् सत्व सत्व संपत सत्वपरिप्लव सत्वपातन सत्वपातन कोष्ठी सदनं सदनं मनसः संदर्शनं संदंश संदंशन Pages: 1 . 2 . 3 . 4 . 5 . 6 . 7 . 8 . 9 . 10 . 11 . 12 . 13 . 14 . 15 . 16 . 17 . 18 . 19 . 20 . 21 . 22 . 23 . 24 . 25 . 26 .